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बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन



1,बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश


2,सरकारी ताकत का बेवजह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता एस


3,कानून व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है -सुप्रीम कोर्ट


4,बुलडोजर जस्टिस स्वीकार नहीं 


५,सरकारी शक्ति का दुरुपयोग ना हो


६,सिर्फ आरोपी होने पर घर नहीं गिरा सकते


७,प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रस्त ना हो

८,


दोषी पर बुलडोजर एक्शन नहीं लिया जा सकता है


 सुप्रीम कोर्ट का फैसला- अगर कोई अपना अवैध निर्माण हटाने के लिए तैयार है, तो उसे बकायदा मौका दिया जाना चाहिए.. नोटिस में भी कम से कम 15 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए.. अवैध निर्माण तोड़ने की वीडियो ग्राफी हो और मौजूद अफसर के नाम भी जारी किये जाए.. अवैध निर्माण तोड़ने से पहले उसके कारण भी बताना होंगे.. गलत तरीके से कार्रवाई पर अब संबंधित अफसर पर होगी कार्रवाई


सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता..प्रशासन खुद जज नहीं बन सकता कोई दोषी है या नहीं है उसका फैसला अदालत करती है अगर वह किसी मामले में दोषी भी है तब भी उसका मकान अवैध निर्माण के नाम पर नहीं गिराया जा सकता है

 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना की गई तो संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इसका भुगतान करेगा

*मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट*


*सरकारी शक्ति का दुरुपयोग ना हो*


*घर एक सपने की तरह होता है*


*बुलडोजर एक्शन कानून का उल्लंघन है*