देवास जिले के सोनकच्छ की एडवोकेट प्रिया कुशवाहा के आत्महत्या करने वाले प्रकरण में ससुर सास देवर को न्यायालय ने दोषी पाया
ससुर सास और देवर को पांच पांच साल की सजा सुनाई
सोनकच्छ.. (सौरभ पुरोहित)
चार वर्ष पूर्व क्षेत्र के ग्राम लोंदीया में ससुराल वालों से तंग आकर एडवोकेट प्रिया कुशवाहा ने अपने माता-पिता के घर पर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने इस मामले में ससुराल वालों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। चार साल चलें इस प्रकरण में बुधवार को न्यायालय ने तीन लोगों को दोषी ठहराया।
मृतिका प्रिया कुशवाहा एडवोकेट का विवाह सन् 2009 में खुजनेर जिला राजगढ़ में पवन सिंह पिता प्रेमनारायण कुशवाह के साथ हुआ था। दिनांक 19 फरवरी 20 को प्रिया के पति पवन की मौत दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी। मृतिका प्रिया के समुराल पक्ष के लोग जात समाज में मृतिका प्रिया को अपने पति पवन कुशवाह की मौत का कारण बता कर बदनाम कर प्रताड़ना देकर समुराल में नहीं आने दे रहे थे एवं मानसिक रूप से प्रताडित कर समाज में बदनाम करते थे इस कारण आरोपीगण से प्रताडित होकर प्रिया ने दिनांक 01 जुलाई 20 को अपने माता-पिता के घर ग्राम लोंदीया सोनकच्छ में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मृतिका प्रिया के माता-पिता की रिपोर्ट पर मृतिका के सासुर,सास और देवर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था। न्यायालय में चले प्रकरण में बुधवार को
आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 306, 34 भादवी में अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया,प्रकरण विचारणोपरान्त अभियुक्त मृतिका के ससुर प्रेमनारायण,सास शशि बाई ,देवर शैलेन्द्र को अप धारा 306. भादवी के दोषी पाते हुए माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महो. सोनकच्छ राकेश जमरा द्वारा अभियुक्त गण को 5-5 वर्ष के
सश्रम कारावास तथा दो दो हजार रुपए के अर्थ दण्ड ये दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की और से पेरवी गजराज सिंह कुशवाह अपर लोक अभियोजक ने की तथा विशेष सहयोग कोर्ट माहरिर जसवंत मिह पवार का रहा।