यूपी के गाजियाबाद से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, यहां महिला अस्पताल में डिलिवरी से पहले मेडिकल जांच की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पिछले चार सालों में 68 महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गईं हैं। जब इन महिलाओं की काउंसलिंग की गई तो पता चला कि सभी ने सड़क किनारे टैटू बनवाया था। इस तरह टैटू का शौक इन सभी को भारी पड़ गया।
काउंसलिंग के दौरान महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सड़क किनारे टैटू बवाने वाले आर्टिस्ट से टैटू बनवाया था। उन्हें शक है कि इसी कारण उन्हें एचआई संक्रमण हुआ है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि टैटू बनवाने के बाद इनकी तबीयत खराब होनी शुरू हुई।
टैटू से कैस होता है कैंसर
दरअसल, टैटू बनवाने से कैंसर नहीं होता मगर एक ही सुई से कई लोगों को टैटू बनवाने से एचआईवी संक्रमण होता है। अगर किसी शख्स को एड्स है और उसने टैटू बनवाया और उसी सुई से आपने भी टैटू बनवा लिया तो आपको एचआईवी का खतरा हो सकता है। मामले में जिला अस्पताल की काउंसलर उमा सिंह के अनुसार, हर साल 15 से 20 महिलाएं एचआईवी संक्रमित मिल रही हैं।
सभी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव
उन्होंने आगे बताया कि एचआईवी संक्रमित पाई गईं सभी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव करवाया गया है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि अगर एक टैटू बनाने के बाद उस सूई का दोबारा इस्तेमाल न किया जाए तो एचआईवी के संक्रमण से बचा जा सकता है।
डॉक्टर का कहना है कि टैटू के लिए हर बार नए सुई का इस्तेमाल करना चाहिए। टैटू बनवाते समय 0.3 प्रतिशत संक्रमण का खतरा रहता है। जैसे ही सुई किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आती है, ट्रांसफ्यूजन का खतरा है। इसलिए टैटू बनवाते समय एचआईवी के संक्रमण का खतरा रहता है।