देवास नगर पालिका निगम की लापरवाही से निकली देवास सरकार खेड़ापति जी की गन्दगी में से
देवास में देवीजी के ऐतिहासिक चल समारोह के बाद ,स्वयं खेड़ापति ने जाना नगर निगम का गंदा हाल ,दुर्भाग्य है
आज तो शहर के सरकार खेड़ापति सरकार ने भी शहर की गंदगी को दिखा मुझे लगता है कि आज एक बड़ा सबक निगम को मिलेगा यह जिम्मेदारी चाहे किसी की भी लेकिन कार्य करने वाले शासकीय कर्मचारी सकुशलता पर निर्भर करता है कि उनके क्षेत्र में अधीन स्थल में कार्य या सफाई कार्य क्या व्यवस्था है यह शहर के बीचो-बीच का मार्ग है, दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार इस प्रकार की लापरवाही पूर्ण कार्य से हिंदू समाज को आहत होना पड़ता है,
जबकि इस आयोजन का आवान स्वयं क्षेत्र विधायक जी सभापति जी व अन्य जनप्रतिनिधियों ने किया था क्या निगम अपने ही विधायक सभापति की जानकारी अनुसार कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण नहीं कर सकता था व्यवस्थाएं करना क्षेत्र के अधिकारी का दायित्व होता है
दुर्भाग्य पूर्ण हे इस लापरवाही से आज की यात्रा में आम जनों को ठेस पहुंची है यह दूसरी बार है इसके पूर्व में भी देवास के ऐतिहासिक मूर्ति विसर्जन चल समारोह में देवीजी के विसर्जन चल समारोह में भी एसी ही अव्यवस्था देखी गयी थी और ठीक उसी क्षेत्र में देवास नगर पालिका निगम में वर्षों से जमे हुवे अधिकारी व कर्मचारियों ने शहर की पहचान एक निम्न श्रेणी के शहर की बना दी है ऐसे लोगो को तुरंत ही दूसरे शहरों में भेज दिया जाना चाहिए गौरतलब है कि बाकी किसी भी अन्य चल समारोह के दौरान ऐसी अव्यवस्था कभी नही देखी गयी थी लेकिन क्या यह संयोग है या फिर प्रयोग बताया जा रहा है कि सुबह के तीन बजे तक इस रोड पर कोई गन्दगी नही थी तो फिर यह नालियों का पानी अचानक कहा से आया अब भले ही नगर पालिका निगम कितनी ही सफाई का या फिर दोषियों पर कार्यवाही करने की बात करे साँप निकल गया अब लाठी पीटने से क्या फायदा
यहाँ पर यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्यों हुआ है तो देवास शहर जो कि एक रियासत कालीन शहर है पुराने जमाने में जो नालियां व नाले जोकिशहर के पानी व गंदगी को शहर से बाहर सुगमता से ले जाते थे उन सभी पर अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया गया है जिससे ये परेशानी पैदा हो गयी है
साथ ही तीन बत्ती चौराहे से गुजरने वाले नाले की एक भुजा जो की सीनियर राजबाड़े की ओर अखाड़ा रोड पर जाती है वहाँ पर भी नालियों व नालो पर कब्जा किया गया है और विगत 16 वर्षों से यहां के लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिये गए हैं
लेकिन नगर निगम के कर्ताधर्ता यह भूल गए हैं कि ऊपरवाला आपकी हर गलती की सजा जरूर देता है यह कल युग है यहाँ पर कर्म से भाग्य बदल सकता है भाग्य से कर्म नहीं