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उज्जैन महाकाल मंदिर में गलत तरीके से उगाही करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज 8 लोग गिरफ्तार 5 अन्य पर भी केस दर्ज

 महाकाल मंदिर में भस्म आरती को लेकर उगाही करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। ये रैकेट मंदिर गेट से लेकर नंदी हॉल तक सक्रिय था। मंदिर प्रबंधन से जुड़े 3 लोग, मीडिया से जुड़े 3 और सुरक्षा से जुड़े 2 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है। ये लोग भस्म आरती करने के लिए लोगों से 1 से दस हजार रुपए तक वसूलते 


दिन में दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं से पैसे लेकर वीआईपी ट्रीटमेंट देते थे। पिछले 10 दिनों से पूरे मामले की जांच चल रही है। पहले 8 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। फिर पूछताछ के बाद मंदिर प्रबंधन से ही जुड़े 5 अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार करने की बात कह रही है।


आखिर उगाही करने वाला रैकेट कैसे भस्म आरती दर्शन के लिए लोगों से पैसे वसूलता था और बिना किसी रुकावट उन्हें नंदी हॉल तक पहुंचाता था? ये रैकेट कब से सक्रिय था और अब तक इसका पता प्रशासन को क्यों नहीं चला? जानने के लिए पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट...


शुक्रवार काे हम जब उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर परिसर पहुंचे तो यहां एक ही बात की चर्चा थी कि महाकाल के दरबार में बदमाशों ने ये कैसी लूट मचा रखी थी। ये चर्चा बाहर से दर्शन के लिए आए लोगों के बीच नहीं थी। वो सामान्य तौर पर दर्शन करके लौट रहे थे। उज्जैन के स्थानीय निवासियों और मंदिर परिसर के आसपास छोटी-बड़ी दुकान लगाने वालों के बीच यही चर्चा थी।


इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि महाकाल मंदिर में भस्म आरती के नाम पर उगाही करने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। हैरानी की बात ये है कि जिस मंदिर समिति पर व्यवस्था बनाने का जिम्मा था, उसी समिति के कर्ता-धर्ता इस उगाही रैकेट को चला रहे थे। सामान्य दर्शन के लिए भी पैसे लेकर सुविधा देते थे, लेकिन मोटी कमाई भस्म आरती से ही होती थी।


सबसे पहले मंदिर का प्रोटोकॉल समझिए

महाकाल मंदिर में देश-दुनिया से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, इसलिए यहां भीड़ भी काफी रहती है। इस भीड़ को और यहां की व्यवस्थाओं को मैनेज करने के लिए प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। मंदिर में दो तरह के प्रोटोकॉल चलते हैं। एक मंदिर के अंदर मंदिर समिति का प्रोटोकॉल और दूसरा बाहरी यानी पुलिस का प्रोटोकॉल। हालिया मामला मंदिर समिति के आंतरिक प्रोटोकॉल में घपले से जुड़ा है।


अब जानिए सेटिंग से कैसे होती थी उगाही

प्रोटोकॉल सत्कार अधिकारी अभिषेक भार्गव मंदिर में 2010 से पदस्थ हैं। बाहरी प्रोटोकॉल यानी पुलिस, प्रशासन, नेता और कुछ एनजीओ को प्रोटोकॉल के जरिए भस्म आरती दर्शन की परमिशन देने का पावर था। इनके पास कोटे को बढ़ाने और घटाने का पावर भी था। कोटा घटना तो कभी नहीं है। ये अक्सर कोटा बढ़ा दिया करते थे।


मंदिर के आईटी डिपार्टमेंट के प्रभारी राजकुमार सिंह ऑनलाइन बुकिंग प्रोसेस के सबसे बड़े अधिकारी थे। 2006 से मंदिर में पदस्थ हैं। ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ाना-घटाना इनके हाथ में था। ये यात्रियों से 1 से 10 हजार रुपए तक का अमाउंट चार्ज कर तत्काल 250 रुपए के वीआईपी भस्म आरती दर्शन की टिकट उपलब्ध करा देते थे।


भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा 2007 से मंदिर प्रबंधन में हैं। पूरी भस्म आरती की जिम्मेदारी इन्हीं पर थी। किसे अंदर जाना है और किसे नहीं जाना है, आखिरी फैसला इन्हीं का होता था। इनके एक इशारे पर कोई भी व्यक्ति नंदी हॉल तक पहुंच सकता था और किसी को भी बाहर किया जा सकता था।


क्लाइंट लाने की जिम्मेदारी इन लोगों पर

तीन सरगना के अलावा पांच अन्य लोग हैं जो सीधे दर्शनार्थियों के कॉन्टैक्ट में रहते थे। क्लाइंट लाने की जिम्मेदारी इन पर ही थी। इनमें सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे, दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और राजेंद्र सिंह सिसोदिया, गार्ड ओम प्रकाश माली और जितेंद्र सिंह पंवार शामिल थे।


मंदिर में दो कंपनियां काम करती हैं। पहली KSS जो मंदिर की सफाई और कम्प्यूटर ऑपरेशन का काम देखती है। दूसरी क्रिस्टल जो सुरक्षा का काम देखती है। आरोपियों में दो कर्मचारी इस कंपनी के भी शामिल हैं।


समिति से जुड़े 2 और बड़े नाम सामने आए 

नंदी हॉल प्रभारी उमेश पंड्या का नाम भी सामने आया है। भस्म आरती के दर्शन करने वाले भक्त नंदी हॉल में ही बैठते हैं। उस हॉल में कौन प्रवेश कर सकता है, कौन नहीं, इसकी पूरी जिम्मेदारी उमेश पंड्या पर ही थी। इन्होंने इस पावर का खूब फायदा उठाया।


जनरल परमिशन अधिकारी काशी शर्मा पर भी आरोप है। इनकी परमिशन से भी कोई भी भस्म आरती के लिए नंदी हॉल तक बिना किसी रुकावट एंट्री कर सकता था।


8 की गिरफ्तारी, 5 अन्य लोगों पर भी केस 

अभिषेक भार्गव, राजकुमार सिंह, रितेश शर्मा, विनोद चौकसे, राकेश श्रीवास्तव, राजेंद्र सिंह सिसौदिया, ओम प्रकाश माली और जितेंद्र सिंह पंवार को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। रितेश शर्मा को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने दो दिन की पूछताछ के बाद 5 अन्य लोगों पर भी केस दर्ज किया है


इसमें 2 मंदिर प्रबंधन के अधिकारी, एक सुरक्षा कंपनी का सुपरवाइजर और 2 लोकल यूट्यूबर हैं, जो खुद को पत्रकार बताते हैं। पंकज शर्मा और विजेंद्र यादव यूट्यूबर हैं। करण सिंह पंवार क्रिस्टल सिक्योरिटी कंपनी का सुपरवाइजर है। ये कंपनी मंदिर की सुरक्षा देखती है।